कुछ अल्फाजों को कागज पर फिर से उतारूँगी, कभी साथ ना छोड़ने का वादा है ये, कुछ अल्फाजों को कागज पर फिर से उतारूँगी, कभी साथ ना छोड़ने का वादा ...
लोगो को जगाता हूँ। हाँ मै कवि हूँ रूठे मन को मनाता हूँ। लोगो को जगाता हूँ। हाँ मै कवि हूँ रूठे मन को मनाता हूँ।
अलग अलग नाम अलग अलग रूप आकर्षित करते जो छोटे बड़े सब को। अलग अलग नाम अलग अलग रूप आकर्षित करते जो छोटे बड़े सब को।
मैं , कवि से कुत्ता मैं , कवि से कुत्ता
चहारदीवारी में बंद, ५ इंची दिमाग़ी-फोन से चिपका बैठा, ये नए ज़माने का एक लेखक-कवि। चहारदीवारी में बंद, ५ इंची दिमाग़ी-फोन से चिपका बैठा, ये नए ज़माने का एक लेख...
कुछ तो पढ़ कर भूल गये, कुछ अजनबी सी तलाश में जुट गये, कुछ शर्म के मारे डूब गये और कुछ आईने ... कुछ तो पढ़ कर भूल गये, कुछ अजनबी सी तलाश में जुट गये, कुछ शर्म के मारे डूब ...